Saturday, October 9, 2010

जय माधव मदन मुरारी

जय माधव मदन मुरारी,
जय केशव कलिमल्हारी.
सुन्दर कुंडल नयन विशाला,
गले सोहे वैजन्तिमाला,
या छबीकी बलिहारी,
जय माधव मदन मुरारी.
कबहूँ लूट लूट दधि खायो,
कबहूँ मधुवन रस रचायो,
नाचत बिपिन बिहारी,
जय माधव मदन मुरारी.
करुना कर द्रोपदी उगारी,
पट में लिपट गए बनमाली,
निरख रहे नर नारी,
जय माधव मदन मुरारी.
जय माधव मदन मुरारी,
जय केशव कलिमल्हारी.

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