एक भी आँसू न कर बेकार पास प्यासे के कुआँ आता नहीं है कर स्वयं हर गीत का श्रृंगार चोट खाकर टूटते हैं सिर्फ दर्पण हर छलकते अश्रु को कर प्यार व्यर्थ है करना खुशामद रास्तों की हर लहर का कर प्रणय स्वीकार |
Sunday, October 10, 2010
"एक भी आँसू न कर बेकार"
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MIX SONGS
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